स्वाध्याय संग्रह

कर भला तो हो भला | परोपकार का फल पर कहानी

बचपन में ही दादा – दादी का साया छीन गया । जवान होते – होते माँ – पिताजी एक दुर्घटना में चल बसे । ना भाई का सहारा न बहन का प्यार, ऐसे जी रहा था आनंद कुमार । आनंद एक ऐसा युवक जिसका इस दुनिया में कोई नहीं, लेकिन दिल ऐसा कि सबको अपना […]

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आत्म शक्ति का स्त्रोत क्या है | एक रोचक कहानी

शायद यह प्रश्न आपके दिमाग में अवश्य आया होगा कि “आत्मशक्ति का स्त्रोत क्या है ?” या “हमारे अन्दर किसी काम को करने की शक्ति कहाँ से आती है ?” कंफ्यूज मत होना, यहाँ शक्ति और आत्मशक्ति से हमारा मलतब एक ही है ।   अगर इसका सरल शब्दों में जवाब दिया जाये तो “आत्मा

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रामकृष्ण परमहंस के प्रेरक प्रसंग | Ramkrishna Paramhansa in Hindi

भगवान को किस चीज़ का लोभ रामकृष्ण परमहंस के मथुरा बाबू नाम के एक शिष्य थे । एक बार उन्होंने एक सुन्दर मंदिर बनवाया और उसमें भगवान विष्णु की मूर्ति की स्थापना करवाई । मूर्ति को विभिन्न प्रकार के बेशकीमती वस्त्राभूषणों से सजाया गया । दूर – दूर से लोग इस अनोखे मंदिर और मूर्ति

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सब्र का फल मीठा होता है | महात्मा बुद्ध के दो प्रेरक प्रसंग

तथागत बुद्ध का एक नया शिष्य बना – आनंद । वह ज्ञान की प्राप्ति के लिए अति उत्सुक था । वह अक्सर तथागत से एक प्रश्न पूछता रहता था कि “ भगवान् ! मुझे ज्ञान की प्राप्ति कब होगी ?” तथागत हमेशा उचित समय आने पर प्रश्न का उत्तर दूंगा, ऐसा कहकर बात खत्म कर

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राजकुमार सिद्धार्थ से महात्मा बुद्ध की कहानी

लगभग ५०० ईसा पूर्व की बात है कि शाक्य गणराज्य की राजधानी कपिलवस्तु के राजकुमार गौतम रथ पर सवार होकर भ्रमण के लिए जा रहे थे । अकस्मात राजमार्ग पर उन्हें एक लड़खड़ाता हुआ जराजीर्ण वृद्ध जाता हुआ दिखाई दिया । वृद्धावस्था ने उसकी शरीर की क्षमता को क्षीण कर दिया था । आँखे धंस

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महर्षि दयानंद और ब्रह्मचर्य की शक्ति

महर्षि दयानंद के जीवन की ब्रह्मचर्य को लेकर कुछ ऐसी सत्य घटनाएँ है, जो आश्चर्यजनक है किन्तु सत्य है । यह दृष्टान्त आज के युवाओं के लिए प्रेरणा के स्त्रोत हो सकते है । इस उद्देश्य को लेकर उनमें से एक  दृष्टान्त का उल्लेख इस लेख में किया गया है ।   उदयपुर के महाराणा

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धन का लोभी | एक स्वर्ण प्रेमी राजा की कहानी

एक समय की बात है । स्वर्णागीरी नामक नगर में एक स्वर्णप्रेमी राजा राज करता था । राजा का स्वर्ण के प्रति इतना अधिक मोह था कि उसने राज्य की बहुमूल्य वस्तुयें बेंच – बेंचकर राजकोष में सोना ही सोना इकठ्ठा कर लिया था । राजा का मंत्री बड़ा ही बुद्धिमान था । वह जानता

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गायत्री मन्त्र की विलक्षण शक्ति और लाभ

मन्त्र में अद्भुत शक्ति होती है । लेकिन मेरी यह बात केवल वही लोग समझ सकेंगे जिन्होंने मन्त्र शक्ति की विलक्षणता का या तो अपने जीवन में अनुभव किया है या फिर शास्त्रीय व धार्मिक दृष्टि से विश्वास करते है । कई बार मुझे ऐसे लोग मिल जाते है जो मन्त्र जप को बकवास बोलते

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महर्षि चरक का नैतिकता | आदर्शों का महत्त्व

एक बार की बात है । महर्षि चरक औषधियों की खोज में अपने कुछ शिष्यों को लेकर जंगल में घूम रहे थे । तभी अचानक कुछ खेतों से गुजरते हुए उनकी दृष्टि एक अनोखे फुल पर पड़ी । अपने जीवन काल में उन्होंने सैकड़ो फूलों के गुणधर्मों का अध्ययन और अनुसंधान किया था, लेकिन यह

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पक्का साधक कैसे बने | एक हलवाई की कहानी

एक बार एक गुरूजी अपने शिष्यों को साधना का उपदेश दे रहे थे और कह रहे थे कि पक्के साधक बनो, कच्चे साधक नहीं । कच्चे – पक्के साधक की बात सुनकर एक नये शिष्य को असमंजस हुआ । जिज्ञासावश आखिर उसने पूछ ही लिया – “ गुरूजी ये पक्का साधक कैसे बनते है ?”

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