किंग आर्थर के आत्मविश्वास की कहानी

एक बार की बात है । इंग्लैंड का राजा मर गया । चारों ओर नया राजा बनाने के चर्चे चल रहे थे । लेकिन उत्तराधिकारी के रूप में किसी योग्य व्यक्ति को ही चुना जा सकता था । जो कि एक विकट समस्या थी । क्योंकि हर कोई व्यक्ति राजा बनने के लिए तैयार था […]

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तत त्वं असि का अर्थ | ऋषि उद्दालक और श्वेतकेतु का संवाद

छान्दोग्योपनिषद् की एक कथा है । बात उस समय की है जब धोम्य ऋषि के शिष्य आरुणी उद्दालक का पुत्र श्वेतकेतु गुरुकुल से शिक्षा प्राप्त करके अपने घर आया । एक दिन पिता आरुणी उद्दालक ने श्वेतकेतु से पूछा – “ श्वेतकेतु ! अभी और वेदाभ्यास करने की इच्छा है या विवाह ?”   पिता

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महर्षि चरक का नैतिकता | आदर्शों का महत्त्व

एक बार की बात है । महर्षि चरक औषधियों की खोज में अपने कुछ शिष्यों को लेकर जंगल में घूम रहे थे । तभी अचानक कुछ खेतों से गुजरते हुए उनकी दृष्टि एक अनोखे फुल पर पड़ी । अपने जीवन काल में उन्होंने सैकड़ो फूलों के गुणधर्मों का अध्ययन और अनुसंधान किया था, लेकिन यह

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पक्का साधक कैसे बने | एक हलवाई की कहानी

एक बार एक गुरूजी अपने शिष्यों को साधना का उपदेश दे रहे थे और कह रहे थे कि पक्के साधक बनो, कच्चे साधक नहीं । कच्चे – पक्के साधक की बात सुनकर एक नये शिष्य को असमंजस हुआ । जिज्ञासावश आखिर उसने पूछ ही लिया – “ गुरूजी ये पक्का साधक कैसे बनते है ?”

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वासनाओं के आकर्षण से कैसे बचे | महर्षि कौत्स और कण्व की कहानी

वासना के आकर्षण के बारे में बात करने से पहले आइये हम जान लेते है कि आखिर वासना है क्या चीज़ ? हालाँकि अहसासों के स्तर पर आप वासना से भली प्रकार परिचित है लेकिन क्योंकि अहसासों को देखा और समझा नहीं जा सकता । इसलिए मैं आपके सामने वासना का एक ऐसा रूप प्रस्तुत

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लक्ष्मीजी कहाँ रहती है | लक्ष्मी मैया की कहानी

एक गाँव में एक बूढ़े सेठजी रहते थे । सेठजी के पास पुरखों का खूब सारा धन था और उनका व्यवसाय भी अच्छा चल रहा था । पुरे गाँव में सेठजी की अमीरी के चर्चे चलते थे । लेकिन सेठजी स्वभाव के बड़े ही नेक दिल और नम्र व्यक्ति थे । धन – धान्य से

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महाराजा शिवि की दयालुता | राजा शिबि और दो पक्षियों की कहानी

पुरुवंश में जन्मे उशीनर देश के राजा शिवि बड़े ही परोपकारी और धर्मात्मा थे । जो भी याचक उसने द्वार जाता था, कभी खाली हाथ नहीं लौटता था । प्राणिमात्र के प्रति राजा शिवि का बड़ा स्नेह था, अतः उनके राज्य में हमेशा सुख – शांति और स्नेह का वातावरण बना रहता था । राजा

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दया का प्रदर्शन नहीं, पालन करें | दयालुता पर कहानी

एक राजा को दयालु और दानवीर कहलाने का बड़ा शौक था । दूसरों के मुख से आत्म प्रशंसा सुनने की उसकी ललक दिन – प्रतिदिन बढ़ती जा रही थी । वह प्रतिदिन यश और प्रशंसा बटोरने के लिए कोई न कोई अनोखा कार्य करता था ।   एक दिन राजा नगर की सैर को जा

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शाश्वत सुख – शांति और सफलता का रहस्य | प्रेरणादायक कहानी

एक बुजुर्ग किसान मनीराम के दो बेटे थे । नाम था संकल्प और विकल्प । जब किसान का अंत समय नजदीक आया तो सोचा संपत्ति का बंटवारा कर जाऊ, वरना बाद में ये दोनों लड़ेंगे । अतः बुजुर्ग किसान ने अपने दोनों बेटों में बराबर संपत्ति का बंटवारा कर दिया । बुजुर्ग किसान जल्द ही

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प्रेम की कीमत क्या है | एक प्रेम कहानी

एक गाँव में एक विद्वान ब्राह्मण रहता था । ब्राह्मण की धर्म पत्नी तो कुछ साल पहले एक बीमारी की चपेट में आकर परलोक सिधार गई । लेकिन ब्राह्मण की एक सुन्दर और सुशील बेटी थी, जिसका नाम चंद्रप्रभा था । ब्राह्मण अपनी बेटी से बहुत प्रेम करता था और वह उसके लिए एक योग्य

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