स्वप्न क्या है ? मुझे लगता है, यह बताने की जरूरत नहीं है । क्योंकि हर इन्सान सपने देखता है । यहाँ दिन में देखे जाने वाले दिवा स्वप्नों की बात नहीं की जा रही है, बल्कि रात में देखे जाने वाले सपनों की बात हो रही है ।
सपने आपने देखे है, शायद हो सकता है । पिछली रात ही आपने कोई सपना देखा हो । कुछ लोग तो ऐसे होते जो एक ही रात में दो या तीन सपने भी देख लेते है । आखिर क्या रहस्य है सपनों का ?
विकिपीडिया के अनुसार आधुनिक मनोवैज्ञानिकों का कहना है कि “ सोते समय चेतना की अनुभूतियों को स्वप्न कहते हैं ।”
अध्यात्म विज्ञान के अनुसार चित्त की ९ अवस्थाएँ होती है –
१ जाग्रत – अवस्था, २ स्वप्नावस्था, ३ सुषुप्ति – अवस्था, ४ प्रलयावस्था, ५ समाधि प्रारंभ – अवस्था, ६ सम्प्रज्ञात समाधि अवस्था (एकाग्रता), ७ सम्प्रज्ञात समाधि और असम्प्रज्ञात समाधि के बीच की अवस्था (विवेकख्याति), ८ असम्प्रज्ञात समाधि (स्वरुपावस्थिति), ९ प्रतिप्रसव अर्थात चित्त को बनाने वाले गुणों की अपने कारण में लीन होने की अवस्था ।
इन सबके विषय में जानने के लिए आप ओमानान्दजी द्वारा लिखा गया पातंजल योगप्रदीप देख सकते है । हम यहाँ केवल स्वप्नावस्था के बारे में बात करेंगे ।
स्वप्नावस्था में सामान्यतया चेतन मन सुषुप्ति में चला जाता है तथा अचेतन मन क्रियाशील रहता है । क्योंकि चेतन मन का अचेतन मन से अधिकार हट जाता है । अतः वह स्वेच्छा से दमित वासनाओं की पूर्ति करने लगता है । योग दर्शन के शब्दों में कहे तो सतोगुण सामान्य रूप से दबा रहता है । तमोगुण रजोगुण को इतना दबा लेता है कि वह चित्त को इन्द्रियों के बाह्य विषयों का ज्ञान नहीं करा सकता, किन्तु रज की क्रिया सूक्ष्म रूप से होती रहती है, जिससे वह चित्त को मन द्वारा स्मृति के संस्कारों का ज्ञान करा देता है । अतः मन तथा इन्द्रियों के अंतर्मुख होने से स्वप्न की सृष्टि होती है और पुरुष अर्थात आत्मा वृतिसारुप्य प्रतीत होता है । अर्थात स्वप्न दृष्टा को जागने तक वह सब असली लगता है । यही स्वप्न है ।
यह तो हो गई ज्ञान की बाते है, अब करते है कुछ अनुभव की बाते ! जैसाकि हम जान चुके है “ स्वप्न मनुष्य की दमित वासनाओं का परिणाम होते है ” लेकिन क्या सभी सपने ऐसे ही होते है ?, कुछ लोगों का मानना है कि स्वप्न में भविष्य के कुछ संकेत छुपे होते है । इसी को आधार मानकर भारतीय ज्योतिष शास्त्र में स्वप्नफल जानने का विधान बताया गया है । किन्तु आधुनिक मनोविज्ञान इसे अंधविश्वास मानता है । सच्चाई क्या है ? यह केवल अनुभव से ज्ञात किया जा सकता है ।
सबसे पहले में आपको बता देना चाहता हूँ कि हर सपने का भविष्य से सम्बन्ध हो यह जरूरी नहीं । लेकिन हाँ कुछ विशेष अवस्थाओं में देखे गये सपने भुत, भविष्य और वर्तमान की झलक होते है । यह बात मैं कहीं पढकर नहीं, अपने अनुभव के आधार पर कह रहा हूँ । क्योंकि मुझे सपने देखने का बड़ा शौक है । आपकी अपनी सपनों के बारे में क्या मान्यता है। यह मैं नहीं जानता, किन्तु मैं सपने देखता हूँ, और वास्तविक जीवन की तरह ही उनसे अनुभव भी लेता हूँ ।
मैंने सपनों को लेकर अपने कुछ दोस्तों से चर्चाएँ की । कुछ दोस्तों को कभी – कभी सपने आते है, कुछ दोस्त रोज़ सपने देखते है । मैंने उनके सपनों के प्रकार को भी जानने की कोशिश की किन्तु यह इतना आसान नहीं था । क्योंकि अधिकांश लोग जो सपने देखते है । वह उन्हें हुबहू याद नहीं रख पाते । कुछ लोगों को टूटे – फूटे याद रहते है, जिसका कोई निष्कर्ष नहीं निकाला जा सकता । कुछ तो इतने रूखे और उदास होते है कि उन्हें सपने ही नहीं आते ।
दूसरों पर प्रयोग करके अनुभव लेने से बेहतर है, स्वयं पर प्रयोग किया जाये और अनुभव लिया जाये । मैंने अब तक सैकड़ो सपने देखे है और उनमें से अधिकांश मुझे याद है, क्योंकि मैं अपने सपने लिखता हूँ ।
क्या सपने देखना अच्छी बात है ?
सपने देखना अच्छा है या बुरा ! यह निर्भर करता है कि आप किस तरह के सपने देखते है । कुछ लोगों को विशेषकर बच्चों को डरावने सपने आते है । कुछ लोगों को अश्लील सपने आते है । यह दोनों ही प्रकार के सपने ठीक नहीं है । क्योंकि इन दोनों ही प्रकार के सपनों से मनुष्य डर, लज्जा, भय, बीमारी और कमजोरी का शिकार होता है । इसलिए यदि आपको ऐसे सपने आते है तो फिर यही कहना पड़ेगा कि सपने देखना बुरी बात है ।
किन्तु यदि आपको भुत, भविष्य और वर्तमान के ऐसे सपने आते है, जो प्रसन्नता, आनंद और जीवन के दिशा निर्धारण में सहायक हो तो ऐसे सपनें देखना अच्छी बात है ।
ऐसी बात नही कि मुझे हमेशा अच्छे सपने ही आते है । कभी – कभी बुरे सपने भी आते है, किन्तु उनमें भी मेरे लिए कुछ अच्छा ही छुपा होता है ।
कब कैसे सपने आते है ?
आइये इस विषय पर कुछ चर्चा करें –
यदि आपको सपने नहीं आते है, अथवा कम सपने आते है, इसका सीधा मतलब है कि या तो आपकी नींद पूरी नहीं हो पाती या फिर आप तनाव और चिंताओं से घिरे हुए है । इसलिए यदि आप सपने देखना चाहते है तो सबसे पहले इन दोनों समस्याओं का समाधान कीजिये ।
कुछ लोगों को डरावने सपने आते है । इसके तीन कारण हो सकते है ।
पहला – यदि आपको डरावने सपने आते है, इसका मतलब है कि आपके मन में कहीं ना कहीं डर पनप रहा है । उसे निकाल दीजिये । क्योंकि जब तक आपके मन में डर है, वह आपको डराता ही रहेगा ।
दूसरा – कभी – कभी डरावनी कहानियाँ सुनने पढ़ने अथवा देखने से भी डरावने सपने आते है । इसलिए या तो ऐसी कहानियाँ सुनना, पढ़ना और देखना बंद कर दीजिये या फिर अपना मनोबल बढाइये ।
तीसरा – यह वास्तव में डरावना होता है, क्योंकि इस अवस्था में कोई दुष्ट आत्मा सचमुच में आपको डराती है, लेकिन ऐसा होने की बहुत कम सम्भावना हैं । मैं आपको डरा नहीं रहा हूँ, बता रहा हूँ । यदि आपको ऐसा कोई स्वप्न आता है तो डरने की बिलकुल जरूरत नहीं है, क्योंकि कई बार तो डर ही है जो हमें डराता है । ऐसी अवस्था में ईश्वर से प्रार्थना कीजिये और अपना मनोबल बढाइये । मेरे साथ ऐसा कई बार होता है कि कोई चुड़ेल मेरे पीछे पड़ जाती है । मैं डरता हूँ, भागता हूँ कि शायद इसकी पहुँच से दूर चला जाऊ, किन्तु फिर भी वो मेरे पीछे होती है । जब परिस्थिति मेरे वश से बाहर हो जाती है तो फिर मैं उससे लड़ने लगता हूँ और कभी – कभी उसे खत्म भी कर देता हूँ ।
क्या आपको भी इस प्रकार के सपने आते है ? अपने सपनों से हमें भी अवगत कराएँ । यदि यह लेख आपको उपयोगी लगे तो अपने दोस्तों को जरुर शेयर करें ।
मैंने आपका लेख ध्यान से पढ़ा बहुत अच्छी जानकारी है मेरी एक समस्या है मुझे रात व कभी कभी दिन मै डरावने सपने आते है मै उनका सामना भी करता हूं परन्तु नींद खुलने पर जोर से चिल्लाने लगा जाता हूं जिससे पास मैं सोए की नींद खुल जाती है और मुझे शर्मिंदी महसूस होती है कृपया समाधान बताइए
डरावने सपने तब आते है जब मन में कहीं डर छुपा हो, तो आप अपने मन को मज़बूत बनाइए ! आपको डरावने सपने आने बंद हो जाएँगे ! हो सका तो जल्द ही इसपर भी लेख लिखेंगे
om namaha shivay. dhynyavad sir ji. sapna is vishay par bahut hi accha aap ne batane ka prayas kiya hai.
धन्यवाद ! प्रकाश शुक्ल जी
सटीक परिचय है