स्वाध्याय के लिए हमेशा सत्साहित्य का ही अध्ययन करना चाहिए । इसके लिए हमारे प्राचीन ऋषि – मुनियों का ग्रन्थ बहुत ही उपयोगी है किन्तु सभी संस्कृत में है तथा जिनका अनुवाद हुआ वह भी संस्कृत स्तर का ही है अतः उन्हें हर किसी के लिए समझ पाना थोड़ा कठिन होता है । फिर भी जो कोई भी इन ग्रंथो से स्वाध्याय करना चाहे कर सकता है । इनमें वेद, उपनिषद, गीता, योगवाशिष्ठ, रामायण आदि मुख्य है । जिन्हें इन्हें पढ़ने की सुविधा ना हो वह निम्नलिखित लेखकों के साहित्य का अध्ययन कर सकते है ।
महर्षि दयानंद – इनकी पुस्तके आपको आर्य समाज की किसी भी वेबसाइट पर मुफ्त में डाउनलोड करने अथवा पढ़ने के लिए मिल जाएगी । सत्यार्थ प्रकाश, ऋग्वेदादिभाष्यभूमिका आदि मुख्य है ।
स्वामी विवेकानंद – स्वामी विवेकानंद की बहुत सारी पुस्तके Internet archive पर उपलब्ध है । आप वहाँ से डाउनलोड कर सकते है ।
स्वामी रामतीर्थ – वेदांत पर इनकी पुस्तके बहुत ही उपयोगी है । यह भी आप Internet archive से प्राप्त कर सकते है ।
महर्षि अरविन्द – महर्षि अरविन्द की पुस्तकों के संदर्भ में हम कुछ निश्चितता से कह नहीं सकते क्योंकि इनकी पुस्तके बहुत कम मिलती है । google search से आपको मिल जाएगी ।
परमहंस योगानंद – इनकी पुस्तकें स्वाध्याय के लिए बहुत ही उपयोगी है । क्योंकि इनकी पुस्तकों में शास्त्रीय बातें कम और जीवन के अनुभव अधिक हुआ करते है । योगी कथामृत, मानव की निरंतर खोज, सफलता का नियम, इसके साथ ही YSS के पाठ बहुत ही उपयोगी है ।
स्वामी शिवानन्द – स्वामी शिवानन्द की सभी पुस्तके आप DSSV की वेबसाइट से डाउनलोड कर सकते है । Practice of Brahmacharya, Kundalini Yoga etc.
पंडित श्री राम शर्मा आचार्य – पंडित श्री राम शर्मा आचार्य की पुस्तके सबसे अच्छी है क्योंकि इन्होने जीवन के हर पहलु पर ३००० से अधिक पुस्तके लिखी है । इनकी पुस्तकों का मुख्य उद्देश्य ही मनुष्य के व्यक्तित्व का विकास और विचारों का परिवर्तन है । गायत्री परिवार की अखण्डज्योति पत्रिका १९४० से आज भी नवीन साधकों के लिए संजीवनी का कार्य कर रही है ।
पंडित श्री राम शर्मा आचार्य की मुख्य पुस्तके जो मैंने पढ़ी है –
- गायत्री महाविज्ञान
- सावित्री कुण्डलिनी और तंत्र
- जीवन देवता की साधना – आराधना
- ब्रह्मचर्य जीवन की एक अनिवार्य आवश्यकता
- ध्यान – धारणा और समाधि
- साधना से सिद्धि भाग – १ व २
- प्राणशक्ति एक दिव्य विभूति
- ईश्वर कौन है, कहाँ है, कैसा है ?
और भी बहुत सारी पुस्तके है लेकिन सबका लिखना संभव नहीं ! इसके लिए आप awgp की वेबसाइट देख सकते है । ज्यादातर पुस्तके आपको मुफ्त में पढ़ने को मिल जाएगी और यदि आपके निकट कोई गायत्री मंदिर या पुस्तकालय है तो वहाँ भी आप संपर्क कर सकते है ।