कर्ण का वध कैसे हुआ

कर्ण के जीवन की दो बड़ी गलतियाँ क्या है | कर्ण वध महाभारत

कभी कभी अनजाने में हमसें ऐसी गलतियाँ हो जाती है, जिन्हें लाख कोशिशों के बावजूद भी सुधारा नहीं जा सकता । ऐसा ही कुछ अंगराज कर्ण के साथ हुआ था । अंगराज कर्ण ने अपने जीवन में दो गलतियाँ ऐसी की थी । जिसका परिणाम अंत में उन्हें मृत्यु के रूप में मिला । कर्ण […]

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गृहस्थ और सन्यासी

गृहस्थ बड़ा या सन्यासी – प्रेरणाप्रद कहानी

प्राचीन समय की बात है । किसी नगर में एक विचित्र राजा रहता था । उस राजा की एक बड़ी ही अजीब आदत थी । जब भी नगर में कोई साधू या सन्यासी आता था तो वह उसे बुलाकर पूछता था कि – “ गृहस्थ बड़ा या सन्यासी ?” जो भी बताता कि गृहस्थ बड़ा

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सही गलत सुविचार

आस्तिक और नास्तिक में अंतर | आस्तिकता की कहानी

अगर “ईश्वर के अस्तित्व में विश्वास” की दृष्टि से देखा जाये तो दुनिया में दो प्रकार के लोग होते है – एक आस्तिक, दूसरा नास्तिक । आस्तिक उसे कहते है जो ईश्वर के अस्तित्व को मानता है । इसके विपरीत नास्तिक उसे कहते है जो ईश्वर के अस्तित्व को नहीं मानता । क्या ईश्वर का

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विषकन्या ने राजा को विष दिया

विषकन्या क्या होती है | विषकन्या की ऐतिहासिक कहानी

वैदिक साहित्य, लोक कथाओं और इतिहास के अनुसार विषकन्या उस स्त्री को कहा जाता है, जिसे बचपन से ही थोड़ा – थोड़ा विष देकर जहरीला बनाया जाता है । इन्हें विषैले वृक्ष और जीव – जंतुओं के बीच रहने का अभ्यस्त बनाया जाता है । इसी के साथ ही स्त्रियोचित गुणों जैसे गायन, नृत्य और

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sahanshilta par kahani

सहनशक्ति का महत्त्व | सहनशीलता की कहानी

बेटे की शादी हुई और जैसे ही नई नवेली दुल्हन का आगमन हुआ । माँ ख़ुशी से नाचने लगी । माँ को ऐसा लगा जैसे उसके सारे अरमान पलभर में पुरे हो गये हो । शुरुआत में तो माँ ने बहु को बड़े ही लाड़ – प्यार से रखा, लेकिन जैसे – जैसे दिन बीतते

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सामाजिक अनुशासन का महत्त्व

लोग बेईमान कब होते है | सामाजिक अनुशासन का महत्त्व

एक बार एक राजा भरे दरबार में अपनी प्रजा की ईमानदारी और नीति निष्ठा की खुलकर बड़ी प्रशंसा कर रहा था । सभी महाराज की हाँ में हाँ मिलाये जा रहे थे । पुरे राजदरबार में महाराज की वाह – वाह हो रही थी । किन्तु तभी महाराज की नजर महामंत्री पर पड़ी । वह

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देवी गंगा और शांतनु

गंगापुत्र भीष्म के जन्म का रहस्य | महर्षि वशिष्ठ का वसुओं को श्राप देना

प्राचीन समय की बात है । राजर्षि प्रतीप के पुत्र महाराजा शान्तनु इंद्र के समान तेजस्वी थे । शान्तनु अपने राज्य के हिंसक पशुओं का शिकार करने के उद्देश्य से अक्सर जंगल में घूमते रहते थे । राजा शान्तनु यदा कदा जंगली भैसों का शिकार करते हुए परम पावनी नदी गंगा के किनारे जा पहुँचते

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शांतनु और गंगा

राजा महाभिष को ब्रह्माजी का शाप | राजा शान्तनु के जन्म की कथा

प्राचीन समय की बात है । इक्ष्वाकुवंश में महाभिष नामक राजा प्रसिद्ध था । राजा महाभिष बड़ा ही सत्यानुरागी और धर्मपरायण था । उसने एक सहस्त्र अश्वमेध और सौ राजसूय यज्ञ करके देवराज इन्द्र को प्रसन्न कर लिया । इस प्रकार यज्ञों के पूण्य फल के रूप में राजा को स्वर्गलोक की प्राप्ति हो गई

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self enquiry

आत्मसमीक्षा का महत्त्व | दो चींटियो की कहानी

अक्सर लोग प्रश्न करते है कि आध्यात्मिक जीवन जीने के लिए क्या करना होगा ? ऐसा क्या करें कि हम अध्यात्म को अपने जीवन में उतार सके ? आजका विषय न केवल इन दो प्रश्नों का उत्तर है बल्कि आध्यात्मिक जीवन का आधार स्तम्भ है । जीवन को आध्यात्मिक बनाने के लिए चार चीजों की

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ram sita ka vivah

विवाह कितने प्रकार के होते है

विवाह एक ऐसा बंधन है जो न केवल दो दिलों को जोड़ता है बल्कि उन दो व्यक्तियों से जुड़े प्रत्येक व्यक्ति के साथ एक नया आपसी सम्बन्ध स्थापित करता है । इसीलिए विवाह के साथ होने वाले रीति – रिवाजों और मान्यताओं की महत्ता और प्रासंगिकता और भी अधिक बढ़ जाती है । सामान्यतया विवाह

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