टाइगर स्वामी की कहानी | संकल्पशक्ति की तीव्रता

बाघ स्वामी की कहानी परमहंस योगानन्द जी ने अपनी पुस्तक योगी कथामृत में इस कहानी का विस्तार से वर्णन किया, जो संक्षेप में आपके सामने प्रस्तुत है । यह बात परमहंसजी के बचपन की है, जब वह अपने हाई स्कूल के मित्र चण्डी के साथ अक्सर ऐसे विशिष्ट योगी और संतो से मिलने जाया करते […]

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कर्ण और अर्जुन की महानता | महाभारत के दो रोचक दृष्टान्त

अर्जुन की महानता महाभारत का एक दृष्टान्त है । एक बार कौरव सेना में कुछ बातचीत हुई, जिसकी सुचना कुन्तीनन्दन युधिष्ठिर के गुप्तचरों ने उनको दी । तब युधिष्ठिर ने सभी भाइयों को एकांत में बुलाकर कहा – “ कौरव सेना में नियुक्त मेरे गुप्तचरों ने समाचार दिया है कि गतदिवस रात्रि में दुष्टबुद्धि दुर्योधन

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अर्जुन को अप्सरा उर्वशी का शाप | अर्जुन की संयमशीलता

एक बार अर्जुन के पिता देवराज इंद्र की अपने सम्पूर्ण वैभव के साथ अर्जुन से मिलने की इच्छा हुई । अतः उन्होंने अपने दिव्य रथ और मातलि के साथ अर्जुन को स्वर्ग में आने का आमंत्रण भेजा । इंद्रकुमार अर्जुन ने भी देवराज के आमंत्रण का सहर्ष स्वागत किया और स्नानादि से पवित्र होकर सैकड़ों

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गालव मुनि का हठ | राजा ययाति की पुत्री माधवी की कहानी

एक पौराणिक कथानक है । एक बार महर्षि विश्वामित्र सौ वर्षों तक एक जगह तपस्या में खड़े रहे । इस दौरान उनके शिष्य गालव मुनि ने महर्षि विश्वामित्र की सेवा – सुश्रूषा की । इससे महर्षि विश्वामित्र ने संतुष्ट होकर गालव मुनि से कहा – “ वत्स गालव ! अब मैं तुम्हें आज्ञा देता हूँ

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भगवान की माया | देवर्षि नारद की कहानी

एक बार नारदजी मृत्युलोक का भ्रमण कर रहे थे । मृत्युलोक में दुःख, शोक और संताप से पीड़ित मानवता को देखकर नारदजी बड़े दुखी हुए । वहाँ से नारदजी सीधे विष्णुलोक पहुँचे और भगवान विष्णु से बोले – “ प्रभु ! मृत्युलोक पर बहुत दुःख, शोक और संताप है । आप उनके कल्याण के लिए

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धनवान बनने का आध्यात्मिक रहस्य | आध्यात्मिक कहानी

किसी के पास बहुत अधिक धन होने से वह धनवान नहीं हो जाता, बल्कि जिसका ह्रदय बड़ा होता है, वही असली धनवान होता है । ह्रदय बड़ा होने से मतलब है – “दूसरों को खुश देखकर ख़ुशी होना और दूसरों को दुखी देखकर दुखी होना ।” जब आपकी करुणा जाग पड़े तो समझो, कि आप

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गौ वंश की महिमा | राजा दिलीप की कथा

रघुवंश का आरम्भ राजा दिलीप से होता है । जिसका बड़ा ही सुन्दर और विशद वर्णन महाकवि कालिदास ने अपने महाकाव्य रघुवंशम में किया है । कालिदास ने राजा दिलीप, रघु, अज, दशरथ, राम, लव, कुश, अतिथि और बाद के बीस रघुवंशी राजाओं की कथाओं का समायोजन अपने काव्य में किया है । राजा दिलीप

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तप और तेज के नाश का कारण | तप पूंजी की महत्ता की कहानी

अध्यात्म विज्ञान के सिद्धांतों के अंतर्गत एक नियम यह भी है कि “तप से तेज की उत्पत्ति होती है” । यह बात सतयुग में जितनी सार्थक थी, उतनी ही आज भी सार्थक है । साधना के साथ जो संयम और नियम के कड़े प्रतिबंध लगाये गये है, वह तप के ही साधन है, जिनसे प्राण

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धर्मपत्नी का त्याग महापाप | Importance of Wife Hindi Story

एक पौराणिक आख्यान है कि राजा उत्तानपाद के सुनीति और सुरुचि नामक दो रानियाँ थी । दोनों रानियों ने दो पुत्रों को जन्म दिया । रानी सुनीति के पुत्र का नाम ध्रूव और सुरुचि के पुत्र का नाम उत्तम रखा गया । कालांतर में ध्रूव ने राजमहल छोड़ दिया और तपस्या करने चला गया और

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पाप का गुरु कौन | प्रेरणाप्रद कहानी

किसी समय काशी शिक्षा की नगरी कही जाती थी । लम्बे समय से यह परम्परा रही है कि प्रत्येक बालक जो ब्राह्मण के घर में जन्म लेता था, उसे काशी जाकर वेदादि शास्त्रों का अध्ययन करना होता था । तभी वह कर्मकाण्ड आदि पुरोहिताई के कार्य करने के योग्य होता था । एक बार की

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