स्वाध्याय संग्रह

झूठा प्रेम एक कहानी | प्रेम की परीक्षा

एक नगर में एक सिद्ध महात्मा रहते थे । आत्मज्ञान की खोज में भटकता हुआ एक नवयुवक एक दिन उनके पास आया । महात्माजी की एक शर्त थी कि वह उसे आत्मज्ञान का उपदेश तभी देंगे, जब उसे योग्य समझेंगे । इस तरह वह युवक कुछ दिन के लिए उन्हीं के आश्रम में रहकर उनकी […]

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अंतःकरण चतुष्टय क्या है | मन बुद्धि चित्त और अहंकार क्या है

मोटे तौर पर यदि देखा जाये तो मानव शरीर जड़ और चेतन का सम्मिलित रूप है । मानव शरीर के इन दोनों भागों को स्थूल और सूक्ष्म शरीर में बांटा जा सकता है । स्थूल शरीर के अंतर्गत हाड़ – मांस और रस – रक्त से बनी यह मानव आकृति आती है । लेकिन स्थूल

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मनोनिग्रह की अनोखी कहानी | बुद्धिमान की परीक्षा

एक राजा था । एक दिन उसने महामंत्री के सामने राज्य में ज्ञानियों की परीक्षा करने का प्रस्ताव रखा । इसके लिए महामंत्री ने महाराज को एक उपाय बताया । उस उपाय के अनुसार राजा ने एक हट्टा – कट्टा बकरा पाला और पुरे राज्य में घोषणा करवाई कि “जो कोई भी विद्वान इस बकरे

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अंधकूप के पांच प्रेत और आचार्य महीधर | दुष्कर्म से दुर्गति

आचार्य महीधर प्रतिदिन एक गाँव से दुसरे गाँव, एक नगर से दुसरे नगर भ्रमण करके लोगों को आत्मज्ञान, धर्म और वेदों का उपदेश दिया करते थे । एक दिन वह अपने शिष्यों की मंडली को लेकर एक जंगल से गुजर रहे थे । संध्या होने को आई थी और अमावस्या की रात होने से जल्दी

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शक्ति और सिद्धियों का आधार – संयम

शक्ति, उर्जा, सिद्धियों, विभूतियों और अतीन्द्रिय क्षमताओं के बारे में आपने अवश्य पढ़ा, सुना या देखा होगा । लेकिन क्या आप जानते है कि ये कहाँ से और कैसे आती है ? शायद और शायद नहीं ! तो आइये जानते है कि क्या है, क्या है इनका आधार, सिद्धांत और रहस्य ?   हो सकता

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दूषित अन्न का प्रभाव | महात्मा के पतन का कारण

एक दिन एक राजा जंगल में शिकार खेलने गया, जानवरों का पीछा करते – करते उसे एक महात्मा मिल गये । महात्मा बड़े ही शांत, सोम्य और तपस्वी स्वभाव के योगी थे । कुछ समय महात्मा के संग में रहने से राजा को बड़ी प्रसन्नता हुई । राजा ने सोचा कि “ इनके सानिध्य में

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क्या शक्तियों का आदान – प्रदान संभव है | शक्तिपात का सच

जिस तरह किसी व्यक्ति की भौतिक सम्पन्नता या विपन्नता का आंकलन उसकी भौतिक सम्पति और धन से किया जाता है, ठीक उसी तरह किसी व्यक्ति की आध्यात्मिक सम्पन्नता या विपन्नता का आंकलन उसकी आध्यात्मिक शक्ति (प्राण उर्जा) से किया जाता है । जिस व्यक्ति में जितनी अधिक आध्यात्मिक उर्जा होगी, वह उतना ही अधिक आध्यात्मिक

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कुण्डलिनी महाशक्ति का विज्ञान | स्थूल से सूक्ष्म की ओर

आज के समय में कुण्डलिनी महाशक्ति न केवल भारत में बल्कि विश्व के अधिकांश देशों में चर्चा का विषय बनी हुई है । इसकी महत्ता और उपयोगिता को देखते हुए, हर कोई जानना चाहता है कि “कैसे इस कुण्डलिनी रूपी सर्पिणी की पूंछ को पकड़कर अपने वश में किया जा सकता है ?”   कुण्डलिनी

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मन को काबू में कैसे करें | मन को वश में करने के उपाय

मन की चंचलता सर्व विदित है । अध्यात्म सागर पर भी कई बार लोग प्रश्न करते है कि मन को कैसे वश में किया जाये । क्या करें कि मन हमारे काबू में रहे । तो आइये जानते है कि मन को अपने काबू में कैसे रखा जा सकता है – सबसे पहला काम, जो

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प्रेय से श्रेय की ओर | याचक प्रेमी और प्रेमिका मधुलिका

एक ब्रह्मचारी का जीवन अथाह ज्ञान से संपन्न होता है, लेकिन उसमें भी अनुभव की कमी होती है । स्नातक कपिल की मनःस्थिति भी कुछ ऐसी ही थी । नित्य की तरह आज भी भिक्षु कपिल नगर में घूम – घामकर आया और नगरसेठ प्रसेनजित के द्वार आकर भिक्षा के लिए गुहार लगाई – “भवति

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