कथनी और करनी में अंतर की सजा
प्राचीन समय की बात है, महामुनि कोतस्य कालिन्दी नदी के तट पर प्रवचन किया करते थे । नित्य उनके प्रवचन से लाभान्वित होने के लिए आस – पास के नगरवासी प्रतिदिन एकत्र होते है । नगरवासी ही नहीं बल्कि जंगल के जानवर व पशु – पक्षी भी महामुनि का प्रवचन सुनने आते थे । […]
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